मन ज्योतिष विज्ञान – वैदिक ज्योतिष और एस्ट्रो वास्तु कोर्स

मन ज्योतिष विज्ञान

वैदिक ज्योतिष और एस्ट्रो वास्तु में ऑनलाइन कोर्स

कोर्स के बारे में

“मन ज्योतिष विज्ञान” कोर्स में आप वैदिक ज्योतिष और एस्ट्रो वास्तु की गहन जानकारी प्राप्त करेंगे। यह कोर्स आपको अपने जीवन को बेहतर बनाने और दूसरों की मदद करने के लिए प्राचीन भारतीय ज्योतिष और वास्तु शास्त्र की तकनीकों को सिखाएगा। विशेष रूप से, यह कोर्स कुंडली के आधार पर एस्ट्रो वास्तु के सिद्धांतों पर केंद्रित है, जिसमें ग्रहों और राशियों के दृष्टिकोण (180°, 120°, 60°) का विश्लेषण कर उपाय सुझाए जाते हैं। उपायों में शरीर पर विशिष्ट रंगों के चिह्न बनाना या घर में ग्रह/राशि की दिशा में वस्तुएं रखना शामिल है।

  • अवधि: 3 महीने (12 सप्ताह)
  • माध्यम: ऑनलाइन (लाइव और रिकॉर्डेड सत्र)
  • शुल्क: ₹12,000 (एकमुश्त भुगतान)
  • प्रमाणपत्र: कोर्स पूरा होने पर प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा

कोर्स के लाभ

  • वैदिक ज्योतिष के मूल सिद्धांत और कुंडली विश्लेषण सीखें।
  • एस्ट्रो वास्तु के माध्यम से घर और कार्यस्थल की ऊर्जा को संतुलित करना।
  • ग्रहों और राशियों के दृष्टिकोण (180°, 120°, 60°) और उनके प्रभाव को समझना।
  • विशेषज्ञ ज्योतिषियों से सीधे मार्गदर्शन।
  • करियर, स्वास्थ्य, और रिश्तों में सुधार के लिए ज्योतिषीय और वास्तु उपाय।
  • ज्योतिष सीखकर आप घर बैठे ऑनलाइन कार्य भी कर सकते हैं, जैसे कि Astrotalk और Astrosage जैसे मंचों से जुड़कर।

कोर्स सामग्री

  1. वैदिक ज्योतिष का परिचय और इतिहास
  2. 12 राशियाँ, 9 ग्रह, और 27 नक्षत्र
  3. कुंडली निर्माण और विश्लेषण
  4. दशा और गोचर का अध्ययन
  5. एस्ट्रो वास्तु के सिद्धांत और कुंडली के साथ इसका संबंध
  6. ग्रहों और राशियों के दृष्टिकोण (180°, 120°, 60°) और उनके उपाय
  7. वास्तु दोष और उनके निवारण
  8. ज्योतिष और वास्तु के व्यावहारिक अनुप्रयोग

एस्ट्रो वास्तु में राशियों और दिशाओं का संबंध

राशि दिशा शरीर के अंग
मेष पूर्व सिर और माथा
वृष उत्तर-पश्चिम गला और गर्दन
मिथुन उत्तर-उत्तर-पश्चिम कंधे और हाथ
कर्क उत्तर-उत्तर-पूर्व छाती और हृदय
सिंह पूर्व-उत्तर-पूर्व नाभि से ऊपरी भाग
कन्या उत्तर नाभि से नीचे आंतें
तुला पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम कमर
वृश्चिक दक्षिण-पश्चिम-दक्षिण नाभि और गुप्तांग
धनु उत्तर-पूर्व जांघें
मकर दक्षिण घुटने
कुंभ पश्चिम पिंडलियाँ
मीन दक्षिण-पूर्व पैर
एस्ट्रो वास्तु में उपाय

एस्ट्रो वास्तु में उपाय

एस्ट्रो वास्तु कुंडली के आधार पर विश्लेषण किया जाता है। यदि कोई ग्रह या राशि नकारात्मक प्रभाव डाल रही है या दशा रही है, तो उपाय दो तरह से किए जा सकते हैं:

  • शरीर पर उपाय: विशिष्ट रंगों के चिह्न लगाना।
  • घर में उपाय: ग्रह या राशि की दिशा में ग्रह की विशिष्ट वस्तुएं रखना।

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अपने जीवन को ज्योतिष और वास्तु के ज्ञान से समृद्ध करें। हमारे विशेषज्ञों के साथ सीखें और अपने भविष्य को उज्जवल बनाएं।

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